हाल फिल्हाल में Electric Scooter में आग लगने की लगातार कई घटनाएं सामने आई हैं। इनमें ओला, ओकिनावा जैसी कंपनियों के इलेक्ट्रिक स्कूटर शामिल हैं। इन घटनाओं ने सुरक्षा पर एक बहुत ही बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। सरकार द्वारा इन घटनाओं की जांच पूरी होने तक नए वाहनों के लॉन्च पर पाबंदी लगा दी है। इस अर्टिकल के माध्यम से आईये जानते हैं आग लगने की क्या वजह हैं।
इलेक्ट्रिक स्कूटर Lithium-ion Battery से चलते हैं, जिनका उपयोग मोबाइल, लैपटॉप आदि में भी होता है। यह बहुत ही हल्की और अधिक इफेक्टिव होने के साथ- साथ रिस्की भी हैं। कुछ जानकारों का कहना है कि बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम में कमी, सेल केमिस्ट्री और चार्जिंग से आग लग सकती है।

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क्या होता है Electric Scooter में बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम?
Electric Scooter में बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम एक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम है, जो लीथियम-आयन बैटरी पैक में हर एक सेल से जुड़ा हुआ रहता है। यह लगातार उनके वोल्टेज और उनसे होकर जाने वाले करंट को चेक करता रहता है। इसमें temperature को मापने के सेंसर भी लगे होते हैं। इन सभी डेटा से बीएमएस को बैटरी के चार्जिंग, डिस्चार्जिंग, बैटरी की क्षमता का पता लगाने में मदद मिलती है।
Electric Scooter के इन बैटरियों में आग क्यों लग रही है?
अभी इन बैटरियों में आग लगने की कोई सटीक वजह कोई भी कंपनी नहीं बता पा रही है। लेकिन ओकिनावा ईवी कंपनी का कहना है कि इसकी एक वजह शॉर्ट सर्किट हो सकती है, जो स्कूटर के चार्जिंग में की गई लापरवाही का नतीजा हो सकता है।
कितना तापमान सही
लीथियम-आयन बैटरियां अधिक तापमान में भी अच्छे से काम करती हैं, लेकिन तापमान 90-100 डिग्री के बीच हो तो आग लगने संभावना बढ़ जाती है। बैटरी पैक में बहुत सारी बैटरियां होती हैं, जिन्हें नजदीक-नजदीक लगाया जाता है। ऐसे में अगर किसी गड़बड़ी के चलते एक बैटरी में भी शॉर्ट सर्किट होता है तो बाकी की सभी बैटरियों को भी आग लगने में ज्यादा देरी नहीं लगती हैं।
कैसे बचा जा सकता है इससे?
अगर Electric Scooter में किसी तरह का मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट है तब तो आप कुछ नहीं कर सकते, लेकिन कई तरीकों से आप आग लगने के रिस्क को कुछ हद तक कम कर सकते हैं।
- गाड़ी को बहुत अधिक गर्म ना होने दें।
- गर्मी के दिनों में तेज धूप में देर तक ना छोड़ें।
- अगर गाड़ी का एक्सिडेंट हो जाता है तो ऐसे में एक्सिडेंट के बाद गाड़ी की बैटरी जरूर चेक कराएं, ताकि ये पता चल सके कि उसमें किसी तरह का कोई फॉल्ट तो नहीं हुआ है।