Seven Wonders Of The World In Hindi-दुनिया के सात अजूबे वो स्मारक हैं जिन्हें नई सेवेन वंडर्स फाउंडेशन द्वारा घोषित किया गया है जो दुनिया के अलग अलग देशो में स्थित है और इन्ही में से एक हमारे देश भारत का ताजमहल भी शामिल है जो हर भारतवासी के लिए एक गर्व की बात है चलिए हम आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से सात अजूबों के सभी स्मारकों के बारे में बिस्तार पूर्वक बताने जा रहे है
Table of Contents
1. दुनिया के पुराने 7 अजूबे कौन कौन से थे उनके नाम – Old Seven Wonders Of The World In Hindi
ग्रेट पिरामिड ऑफ़ गिजा
- टेम्पल ऑफ़ अटेरमिस
- लाइटहाउस ऑफ़ अलेक्सान्दिरा
- कोलोसिस ऑफ़ रोडेज
- हैंगिंग गार्डन ऑफ़ बेबीलोन
- स्टेचू ऑफ़ जीउस अट ओलम्पिय
- माउसोलस का मकबरा
आज के समय केवल ग्रेट पिरामिड ऑफ़ गिजा को छोड़कर ये सभी नष्ट हो गये हैं|
2. दुनिया के नए सात अजूबे – New Seven Wonders Of The World In Hindi
.ताजमहल
.चीन की दिवार
.पेट्रा
.चिचेन इत्जा
.माचू पिच्चु
.क्राइस्ट द रिडीमर
.कोलोसियम
3. दुनिया के सात अजूबे कैसे चुने गये?
वर्ष 1999 में दुनिया के 7 अजूबों को चुनने का विचार विमश किया गया इस पहल की शुरूआत स्विट्ज़रलैंड ज्यूरिख में स्थित न्यू सेवेन वंडर्स फाउंडेशन द्वारा किया गया था इस फाउंडेशन ने विश्व के करीब 200 स्मारकों की एक सूची तयार की और उन में से लोगो के वोटिंग के जरिए साल 2007 में सात स्मारक चुने गये थे और तब से ये दुनिया के सात अजुबे हैं
3.1 ताजमहल – Tajmahal

हमारे देश भारत का ताजमहल भी दुनिया के सात अजूबों में अपना नाम दर्ज कराए बैठा है ताजमहल का निर्माण मुग़ल शासक शाहजहाँ ने अपनी प्रिय बेगम मुमताज महल की याद में सन् 1632 ईस्वी में करवाया था जिसे एक प्यार की निशानी माना जाता है ताजमहल को बनाने में तक़रीबन 20 हजार मजदुर और 15 साल का समय लगा था ऐसा कहा जाता है की निर्माण के बाद शाहजहाँ ने सभी मजदूरों के हाथ कटवा दिए थे ताकि वे फिर दोबारा ऐसी कोई चीज न बना सकें| ताजमहल सफ़ेद संगमरमर से बना एक भव्य ईमारत है जिसके आस पास हरे भरे बाग बगीचे, पुल और पानी का फव्वारा बना है यहाँ देश ही नही विदेशों से भी हजारों लाखों कि संख्या में पर्यटक इसकी सुन्दरता को देखने आते है
3.2 द ग्रेट वाल ऑफ़ चाइना – The Great Wall Of China

इस विशाल दिवार का निर्माण 7वीं शताब्दी से लेकर 16वीं शताब्दी तक हुआ था वहाँ के अगल अगल शासकों द्वारा मंगोल के आक्रमण से अपने राज्य की रक्षा के लिए इसे बनाया गया था इसके निर्माण में मिट्टी, पत्थर, ईट और लकड़ी का उपयोग किया गया था इस दिवार को द ग्रेट वाल ऑफ़ चाइना कहा जाता है जो अंतरिक्ष से भी साफ साफ दिखता है| इस मानव निर्मित दिवार की लम्बाई लगभग 6400 किलोमीटर है जो पूर्वी चीन से लेकर पश्चिमी चीन तक फैली हुई है तथा चीन के कई रेगिस्तान, पठार और पहाड़ियों से हो कर गुजरती है इसकी ऊंचाई करीब 35 फीट है और चौड़ाई इतनी की छे घोड़ सवार एक साथ आराम से पेट्रोलिंग कर सकते हैं द ग्रेट वाल ऑफ़ चाइना के बडलिंग हिस्से में सबसे अधिक पर्यटक घूमने आते है आप यहाँ केबल कार के जरिए पहुँच सकते है
3.3 द रोमन कोलोसियम – The Roman Colossium

इटली के रोम नामक शहर में स्थित रोमन कोलोसियम कंक्रीट और रेत से बना एक विशाल स्टेडियम है जिसका निर्माण 70वीं ईस्वी से 80वी ईस्वी के बिच हुआ था पप्राचीन काल में यहाँ कई सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ करते थे जिसे देखने के लिए इस स्टेडियम में करीब 50 से 80 हजार लोग आराम से बैठ थे लेकिन कई बार भूकंप के झटके सहने के कारण अब यह थोड़ा बहुत नस्ट हो गया है पर फिर भी यह शान से खड़ा आज दुनिया के सात अजूबों में से एक है
3.4 पेट्रा – Petra

जॉर्डन देश का पत्र शहर एक एतिहासिक और पुरातात्विक नगरी है जो अपने विचित्र बनावट के लिए दुनिया भर में मशहूर है यहाँ बड़े बड़े चट्टानों और पत्थरों को काटकर इमारतों का निर्माण किया गया है यही कारण है की इस शहर को रोस सिटी भी कहा जाता है| ईन क्लाकिर्तियों का निर्माण 312 BC के आस पास हुआ था जॉर्डन देश की जादातर कमाई पेट्रा से ही होती है यह शहर आज से समय एक मशहूर पर्यटन स्थल बन चूका है जहाँ हर साल बहुत से पर्यटक इसे देखने जाते है यही नही पेट्रा को यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज साईट की सूची में भी शामिल किया गया है
3.5 माचू पिच्चु – Machu Picchu

माचू पिच्चु दक्षिण अमेरिकी शहर पेरू में एक ऊँची चोटी पर स्थित छोटी सी नगरी हुआ करती थी जो समुद्र तल से लगभग 2430 मीटर की ऊँचाई पर थी शोधकर्ताओं की माने तो माचू पिच्चु का निर्माण 1400 के आस पास राजा पचाकुती द्वारा करवाया गया था हालाकिं इसके ठीक 100 साल बाद माचू पिच्चु पर स्पेन का आक्रमण हुआ और उन्होंने इस पर विजय प्राप्त कर ली लेकिन थोड़े ही समय बाद वे इसे छोड़ कर चले गये और फिर धीरे धीरे यह सभ्यता नस्ट हो गई| उस समय यहाँ पर इंका सभ्यता रहा करती थी जिनकी क्लाकिर्तियों को आज भी देखा जा सकता है वर्ष 1911 में अमेरिकी इतिहासकार हिरम बिंघम ने माचू पिच्चु पर खोज की और इसे दुनिया के सामने लाया वर्ष 1983 में यूनेस्को द्वारा इसे वर्ल्ड हेरिटेज साईट में शामिल किया गया था
3.6 Christ The Ridimer

क्राइस्ट द रिडीमर दुनिया के सात अजूबों में से एक है जो ब्राज़ील के रियो डी जेनेरो के दक्षिण में कोरकोवाडो की पहाड़ी पर स्थित ईसा मसीह की एक प्रतिमा है जो कंक्रीट और सोपस्टोन से बनी हुई है इस प्रतिमा की ऊँचाई लगभग 130 फीट है और चौड़ाई 28 मीटर|
पहले यह दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा हुआ करती थी लेकिन आज के समय इससे भी ऊँची प्रतिमा सरदार बल्ब भाई पटेल जी की है जो भारत के गुजरात राज्य में स्थित है ईसा मसीह की इस प्रतिमा का निर्माण वर्ष 1931 में पूरा हुआ था
जिसका कुल वजन करीब 635 टन के आस पास है इसे बनने वाले फ्रेंच के महान मूर्तिकार पॉल लौंडोव्स्की थे तथा इसका डिज़ाइन दो व्यक्ति कार्लोस ओसवाल और सिल्वा कोस्टा ने किया था
3.7 चिचेन इत्जा – Chichen Itza

चिचेन इटजा मेक्सिको में स्थित एक बहुत पुराना मायान मंदिर है जो माया सभ्यता से जुड़ी हुई है जिसका निर्माण 600 ईशा पूर्व में हुआ था यह ईमारत उस समय की कुशल कारीगरों की मेहनत को दर्शता है चिचेन इटजा का मायान मंदिर कुल 5 किलोमीटर के छेत्रफल में फैला हुआ 79 फिट ऊँचा एक पिरामिड के आकार में है
मंदिर में ऊपर जाने के लिए चरों तरफ से कुल 365 सीढियाँ है हर दिशा में 91 सीढियाँ बनी हुई है जो साल के हर एक दिन को दर्शाती है और 365 दिन के लिए मंदिर के ऊपर एक बड़ा सा चबूतरा बना है इसके अलावा यहाँ कई मंदिर, पिरामिड और खेल के मैदान बने हुए है| हर साल यहाँ 2 मिलियन से भी अधिक पर्यटन इसे देखने आते है